कुछ नू कहवे के ये नेता जासु ना पढ़ावे मेवातिन्ने अगर ये पढ़गे तो इनकी गुलामी कोण करेगो।
अपर भाई मेवात में असल चिमचा तो ये पढे लिखे ही हैं। अनपढ़ तो बिचारे गाढ़ी घोड़ा पे खाण कमाण लू निकले पड़े हैं। वे तो बाखल के साथ वोट देवे हैं, और बाखल के मुख्या तो ये पढे लिखे खानदान वाले ही रहवे है। 😑
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