#अंग्रेज़ जज ने हजरत मदनी से कहा : मैंने सुना है आपने फतवा दिया है अंग्रेज़ी फौज में भर्ती होना हराम है।
हज़रत मदनी ने कहा : दिया क्या होता है,अब भी कह रहा हूं,अंग्रेज़ की फ़ौज में भर्ती होना हराम है।
जज ने कहा : आपको पता है इसकी सज़ा क्या है। हज़रत मदनी ने अपनी गठरी खोली सफ़ेद कपड़ा निकाला । यूं आसमान की तरफ़ लहराया और कहा : ओ अंग्रेज़ जज तू भी सुन ले जब हुसैन अहमद देवबंद से आ रहा था तो अपना कफ़न भी अपने साथ ले कर आया है।
ये मुल्क यूं ही आसानी से नहीं मिला है हमारी बुज़ुर्गों की बड़ी कुर्बानियों के बाद मिला है।
सैल्यूट
देश को आज़ादी कुर्बानियों से मिली है बुलबुल के पंखओ पर उड़ने से नही।
पंडित मुकेश शर्मा ✍️
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